आपने उत्तराखंड की रूपकुंड झील का नाम तो सुना होगा । लेकिन अब वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने इस झील को लेकर एक खुलासा किया है। उनका कहना है कि उत्तराखंड की इस रहस्यमयी रूपकुंड झील में पूर्वी भूमध्यसागर से आई एक जाति विशेष की कब्रगाह है, जो कि भारतीय हिमालयी क्षेत्र में 220 साल पहले वहां आए थे।वैज्ञानिकों ने 'नेचर कम्युनिकेशंस' जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा है कि रूपकुंड झील में जो कंकाल मिले हैं वे आनुवंशिक रूप से अत्यधिक विशिष्ट समूह के लोगों के हैं, जो कि एक हजार साल के अंतराल में कम से कम दो घटनाओं में मारे गए थे। हिमालय पर समुद्र तल से 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित रूपकुंड झील में समय-समय पर बड़ी संख्या में कंकाल पाए जाने की घटनाओं ने वैज्ञानिकों को हैरत में डाला। झील के आस पास यहां-वहां बिखरे कंकालों के वजह से इसे 'कंकाल झील' अथवा 'रहस्यमयी झील' भी कहा जाने लगा है।वहीं शोधकर्ताओं ने पाया कि इस स्थान के इतिहास की जितनी कल्पना की गई थी वो उससे भी जटिल है। हैदराबाद में सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी से कुमारसामी थंगराज कहते हैं कि 72 कंकालों के माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए से पता चला है कि वहां कई अलग-अलग समूह मौजूद थे। इसके अलावा इनके रेडियोकार्बन डेटिंग से पता चला कि सारे कंकाल एक ही समय के नहीं हैं, जैसा कि पहले समझा जाता था। हालांकि, इस बात का बता नहीं चला कि ये लोग यहां पर किस लिए आए और इनकी मौत यहां हुई कैसे?
Uttarakhand, a state in northern India crossed by the Himalayas, is known for its Hindu pilgrimage sites. Rishikesh, a major centre for yoga study, was made famous by the Beatles’ 1968 visit. The city hosts the evening Ganga Aarti, a spiritual gathering on the sacred Ganges River. The state's forested Jim Corbett National Park shelters Bengal tigers and other native wildlife.
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